500 करोड़ रूपये से अधिक का रेलवे में टेण्डर देने के नाम पर पीड़ित के साथ हुई थी साईबर ठगी
परिवादी द्वारा साईबर पुलिस पोर्टल पर ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी, साईबर काईम पुलिस जालोर द्वारा त्वरित कार्यवाही कर परिवादी को राशि रिफण्ड करवाई
जालोर.साईबर क्राइम पुलिस थाना ने एक ठगी के मामले में 13 लाख 22 हजार रुपये की राशि परिवादी को रिफंड करवाई है। यह राशि रेलवे टेंडर देने के नाम पर की गई साईबर ठगी के तहत वसूली गई थी। घटना 28 अक्टूबर 2024 की है, जब मिश्रीमलजी राजू चौधरी के पास अभिषेक रंजन नामक व्यक्ति ने फोन कर 500 करोड़ रुपये के रेलवे टेंडर का झांसा देकर एडवांस के रूप में 13,22,000 रुपये की मांग की। परिवादी ने जब डीडी देने में असमर्थता जताई, तो आरोपी ने एक पार्टी के बैंक खाते में राशि ट्रांसफर करने को कहा।
हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज करवाई शिकायत
जब परिवादी ने राशि ट्रांसफर कर दी, तो आरोपी ने टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में टालमटोल करना शुरू कर दिया, जिससे परिवादी को ठगी का एहसास हुआ। उन्होंने तुरंत साईबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करवाई। साईबर क्राइम पुलिस ने पुलिस अधीक्षक ज्ञानचन्द्र यादव के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के बैंक खातों का पता लगाया और तकनीकी पहलुओं का विश्लेषण किया। पुलिस टीम ने अनाधिकृत ट्रांजेक्शनों को निरस्त करवाकर पूरी राशि परिवादी के खाते में वापस करवाई।
जालोर पुलिस साइबर अपराधियों की विरुद्ध सख्त
अब तक साईबर क्राइम पुलिस थाना जालोर ने ठगी की विभिन्न घटनाओं में करीब 60 लाख रुपये की राशि पीड़ितों के खातों में रिफंड करवाई है। पुलिस की यह कार्रवाई साईबर अपराधों के प्रति सख्त रवैये को दर्शाती है। ऐसे में पुलिस की सभी जिलेवासियों से अपील हैं कि ऐसे झांसे में न आये और कभी भी ऐसी घटना हो जाती हैं तो तुरंत सायबर पुलिस को सूचना दे।
आमजन के लिए सुझाव :-
1. साईबर काइम / फ्रॉड की घटना होने पर 1930 पर कॉल करके अथवा cybercrime.gov.in पर लॉगिंन कर तुरन्त शिकायत दर्ज करावें।
2. गूगल आदि सर्च इंजन पर किसी भी कस्टमर केयर का नम्बर खोजते समय आधिकारिक वेबसाईट का ही उपयोग करें।
3. किसी भी एप को अपनी डिवाईस में इंस्टॉल करने से पूर्व उसके बारें में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें।
4. अनजान कॉल / मैसेज / लिंक को नजर अन्दाज करें साथ ही उक्त मैसेज को अपनी डिवाइज से हटादे।
5. अपने बैंक खाता, एटीएम व क्रेडिट कार्ड के पिन/ओटीपी / सीवीवी नम्बर किसी भी व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करें।
6. किसी व्यक्ति के खाते से गलती या धोखे से यूपीआई से धनराशि ट्रान्सफर होने पर www.npci.org.in पर ऑनलाईन शिकायत दर्ज करें।