•रावणा राजपूत समाज द्वारा हैफा हीरो मेजर दलपत सिंह देवली के 106 वें बलिदान दिवस पर उमड़ा जनसैलाब
•हाइफा हीरो मेजर दलपत सिंह देवली, जिन्होंने तोपों का मुकाबला तलवार से कर युद्ध जीता था
•हाइफा हीरो तलवार और भाले के दम पर इजराइल के शहर को करवाया था आजाद –
सांचौर.रावणा राजपूत समाज द्वारा हैफा हीरो मेजर दलपत सिंह शेखावत के 106 वें बलिदान दिवस के उपलक्ष में विशाल रैली का आयोजन रावणा राजपूत समाज छात्रावास पीडब्ल्यूडी रोड़ सांचौर में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर सांचौर शक्ति सिंह राठौड़ व जिला पुलिस अधीक्षक हरिशंकर रहे।

जिला कलेक्टर शक्ति सिंह राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेश कुमार महारानियां व महासभा अध्यक्ष उदय सिंह परमार, संत सानिध्य हंसगिरी रतौडा़ मठ व युवा जिलाध्यक्ष श्रवण सिंह सिसोदिया व युवा अध्यक्ष भवानी सिंह चौहान की उपस्थिति मे मेजर साहब को पुष्प अर्पित कर सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की व विशाल रैली का हरी झंडी से शुभारंभ किया गया।

मेजर दलपत सिंह जीवनी परिचय
“मेजर दलपत सिंह हाइफ़ा का भारतीय नायक है। उनका जन्म जोधपुर में हुआ था, लंदन के ईस्टबोर्न कॉलेज से स्नातक हुआ था। वह पाली जिले के देओली गांव के ठाकुर हरि सिंह शेखावत का पुत्र था। देवता हरजी द्वारा इस गांव को जाना जाता है ।ठाकुर दलपत सिंह एम.सी. (नवंबर 1892 – 23 सितंबर 1918) एक ब्रिटिश भारतीय सेना अधिकारी थे, जिन्हें प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हाइफ़ा की लड़ाई में उनके कार्यों के लिए “हाइफ़ा के नायक” के रूप में जाना जाता था“

जिला कलेक्टर शक्ति सिंह राठौड़ ने बताया कि मेजर दलपत सिंह देवली वीर योद्धा व इजरायल के हैफा हीरो शहर को प्रथम विश्व युद्ध में सफलता हासिल करने वाले सच्चे रावणा राजपूत वीर योद्धा थे, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक सुरेश महारानियां ने दलपत सिंह देवली की जीवनी पर विस्तृत प्रकाश डाला, युवा अध्यक्ष भवानी सिंह चौहान ने बताया कि मैजर साहब की भांति राष्ट्र प्रेम व वीरता, निडरता से देश की सेवा ही सर्वोपरि है।

वर्तमान समय में समाज मे रावणा राजपूत समाज मे शिक्षा के प्रति जागरूकता पर विचार व्यक्त किए। रावणा राजपूत समाज की विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर शक्ति सिंह राठौड़ को ज्ञापन सौंपा। कार्यक्रम संयोजक धन सिंह गलीफा ने सभी भामाशाहों का आभार व्यक्त किया।

यह रहें मौजूद
इस मौके पर जबरसिंह, दुर्गसिंह, देवराज चौधरी, कालुसिंह, ओखसिहं, शंकर सिंह करावड़ी, भजन गायिका कविता रावणा, चमन सिंह सरवाणा, जसराज सिह मेड़ा, जितेन्द्र सिंह नाथावत, ओखसिहं, हड़मतसिहं, रामसिंह रतोडा़, ईश्वर सिंह, चंपत सिंह, केशर सिंह दहिया, उकसिहं, बाबुसिंह चौहान, जितुसिहं, लक्ष्मण सिंह, मसरसिहं डांगरा, पदम सिंह, हेम सिंह, कृष्ण सिंह चौरा, पहाड़ सिंह नटवर सिंह, चमन सिंह दुठवा व सैकड़ों समाज बंधु मौजूद थे। मंच संचालन गणपत सिंह लुणियासर व पुनम सिंह टांपी ने किया।
