जालौर-सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी की दृढ़ इच्छाशक्ति और लगातार प्रयासों से सिरोही जिले के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि सामने आई है। आजादी के 76 वर्षों बाद वह सपना साकार होने की दिशा में अग्रसर है, जिसका वर्षों से सिरोहीवासी इंतजार कर रहे थे-रेलवे कनेक्टिविटी।
रेलवे बोर्ड चेयरमैन सतीश कुमार ने स्वरूपगंज से जालौर जिले के बागरा तक रेलवे ट्रैक सर्वे के लिए 2.40 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। यह मंजूरी उस बैठक के बाद मिली, जो सांसद चौधरी और रेलवे बोर्ड प्रमुख के बीच लगभग तीन घंटे तक चली। जानकारी के अनुसार, सांसद ने स्पष्ट कहा कि “मैं बिना मंजूरी के दिल्ली से लौटने वाला नहीं हूं।” परिणामस्वरूप, चेयरमैन ने तत्काल फाइलें मंगवा कर सर्वे को हरी झंडी दी।

अब सिरोही को मिलेगा सीधा रेल नेटवर्क-दूर होंगे दशकों पुराने दर्द: सांसद चौधरी ने बताया कि सिरोही जिला मुख्यालय राज्य के गिने-चुने ऐसे जिलों में से है जो अब तक रेलवे नेटवर्क से नहीं जुड़ पाया है। यहां के नागरिकों को ट्रेन यात्रा के लिए 30 से 75 किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है-पिण्डवाड़ा, आबूरोड या बागरा तक। मगर अब जब यह रेल लाइन बनेगी, तो यह न केवल जनता के लिए एक वरदान होगी बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में भी भारी परिवर्तन लाएगी।

उद्योगों को मिलेगा बूस्ट, ग्रेनाइट और सीमेंट निर्यात को मिलेगी रफ्तार: इस रेल रूट से जे.के. सीमेंट, अल्ट्राटेक जैसे 15 बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा मिलेगा। बागरा, जहां देश के प्रमुख ग्रेनाइट प्रसंस्करण उद्योग मौजूद हैं, वहां एक नया गुड्स प्लेटफॉर्म भी बन रहा है। इस क्षेत्र में प्रस्तावित 8,000 से अधिक लघु व मध्यम उद्योगों को भी मिलेगा नया जीवन।

फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ेगा स्वरूपगंज, रोजगार और राजस्व में जबरदस्त बढ़ोतरी संभव: स्वरूपगंज वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का हिस्सा है। ऐसे में जब यह लाइन बागरा से जुड़ेगी, तो ग्रेनाइट निर्यात के लिए यह रूट देश के सबसे महत्वपूर्ण रूट्स में शामिल हो जाएगा। इससे रेलवे राजस्व में बड़ा इजाफा तो होगा ही, स्थानीय युवाओं के लिए हजारों रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।


