Jalore news: प्रदेश सरकार के द्वारा रद्द किए गए जिलों में से सांचौर सहित तीन जिलों में अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद को यथावत रखने की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति का आदेश जारी किया है। साथ ही इस आदेश के माध्यम से इन जिलों में जिला कलेक्टर सहित अन्य पदों को समाप्त किया गया है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद को यथावत रखने के साथ उनकी सहायता के लिए सपोर्टिंग स्टाफ के पदों को भी स्वीकृति दी गई है। शुक्रवार की रात्रि को इस आदेश के जारी होते ही सोशल मीडिया पर श्रेय लेने की हौड़ मची है, सांचौर में भाजपा नेतृत्व की बात करें या अन्य नेताओं की तो सभी इस पद को स्वीकृत करने का श्रेय अपने नाम पर ले रहे हैं।

एडीएम के साथ सपोर्टिंग स्टाफ की स्वीकृति : जालोर के सांचोर, भीलवाड़ा के शाहपुरा व श्री गंगानगर के अनूपगढ़ में स्वीकृत अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद को यथावत रखते हुए उनकी सहायतार्थ सपोर्टिंग स्टाफ के पदों की स्वीकृति जारी की गई हैं, प्रति कार्यालय में एडीएम का 01 पद, निजी सहायक का 01 पद, सहायक प्रशासनिक अधिकारी का 01 पद, वरिष्ठ सहायक का 01 पद, कनिष्ठ सहायक के 03 पद व चतुर्थ श्रेणी कमर्चारी के 3 पदों यानी कुल 7 पदों को स्वीकृति दी गई हैं।

जिन नेताओं ने मांग ही नहीं कि वो भी श्रेय लेने की हौड़ में : सांचौर में अतिरिक्त जिला कलेक्टर का पद स्वीकृत होते ही इसका श्रेय सभी नेता अपने नाम ले रहे हैं, इनमें वह नेता भी शामिल है, जिन्होंने ना तो जिले को यथावत रखने की मांग की और ना ही यहां पर एडीएम का पद स्वीकृत करने की मांग की। सोशल मीडिया पर और अपने हैंडल पर नेताओं ने एडीएम का पद स्वीकृत करने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए पोस्ट की है। हालांकि पूर्व सांसद देवजी पटेल ने इसको लेकर सरकार से पत्र व्यवहार किया था और प्रमुखता से इसकी मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि जब तक सांचोर जिले की पुनः समीक्षा नहीं हो जाती हैं तब तक सांचोर में एडीएम का पद सृजित किया जाए जिससे कि यहां के लोगों के कार्य सरलता से हो सके।

पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई बोले; हमें जिला ही चाहिए : सांचौर जिला निरस्त होने के बाद से ही उपखंड मुख्यालय के आगे पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई के नेतृत्व में धरना जारी है, ऐसे में एडीएम का पद स्वीकृत होने के बाद पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई का साफ तौर पर कहना है कि हमें एडीएम नहीं बल्कि जिला चाहिए। जिसमें जिला कलेक्टर भी बैठेंगे और जिला पुलिस अधीक्षक भी। उनका कहना है कि सांचौर सभी मापदंडों को पूरा करता है इसलिए यह सिर्फ अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद का ही नहीं बल्कि पूरे जिले का हकदार हैं। ऐसे में जब तक सरकार सांचोर जिले को पुनः बहाल नहीं कर देती हैं तब धरना प्रदर्शन जारी है, और जब हमने जाजम लगाई है तो जिला लेकर ही उठेंगे। वहीं आपको बता दें कि कही न कही एडीएम के पद की स्वीकृति इस धरने का ही प्रयास माना जा रहा है।

लोग बोले; हमें एसपी भी चाहिए : अतिरिक्त जिला कलेक्टर का पद स्वीकृत होते ही लोगों का कहना है कि जब तक सांचौर जिला पुनः बहाल नहीं हो जाता तब तक अतिरिक्त जिला कलेक्टर के साथ-साथ हमें जिला पुलिस अधीक्षक की पोस्ट भी चाहिए। उनका कहना है कि सांचौर में जब से एसपी बैठे तब क्राइम में काफी कमी हुई। लेकिन अब जिले के जाते ही वापस क्राइम रेट है वह बढ़नी शुरू हो गई है। ऐसे में उन्होंने कहा कि सांचौर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सांचौर में जिला पुलिस अधीक्षक की पोस्ट जरूरी है। ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की हैं कि ADM की तरह ही सांचौर में जिला पुलिस अधीक्षक की पोस्ट स्वीकृत करके यहां पर एसपी की नियुक्ति की जाए।