खोखा गांव में समाज की ऐतिहासिक बैठक, शादी व मृत्युभोज में दिखावे पर लगाई लगाम, महिलाओं के लिए तय हुए डिजिटल अनुशासन के नियम
बागोड़ा। जब देशभर में शादी-ब्याह और मृत्युभोज के नाम पर बेतहाशा खर्च और दिखावे की होड़ मची है, तब जालोर जिले के बागोड़ा उपखंड के खोखा गांव से एक मिसाल पेश हुई है। यहां सिंधी मुस्लिम समाज की सामूहिक बैठक में समाज सुधार की दिशा में कई ठोस निर्णय लिए गए। बैठक में तय किया गया कि अब समाज में सादगीपूर्ण शादियों को बढ़ावा मिलेगा। बारात सीमित वाहनों से जाएगी, महंगे मायरे, बाने-बिठाई, वीडियोग्राफी और तड़क-भड़क पर पूरी तरह से रोक रहेगी। साथ ही पान-मसाला, गुटखा और नशे पर भी सख्त प्रतिबंध लागू किया गया है।

डिजिटल संयम के साथ नारी गरिमा पर जोर : महिलाओं को मोबाइल उपयोग को लेकर भी नया निर्णय लिया गया है। अब महिलाओं को केवल सादा कीपैड फोन इस्तेमाल करने की अनुमति होगी। टच मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाने का उद्देश्य समय की बर्बादी और डिजिटल प्रदूषण से बचाना बताया गया।
शिक्षा को मिली सर्वोच्च प्राथमिकता : समाज ने बच्चों की पढ़ाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकल्प लिया। प्रत्येक बच्चे की स्कूली उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष शिक्षा निगरानी समिति का गठन किया गया है। समिति बच्चों की पढ़ाई पर नजर रखेगी और परिवारों को सहयोग के लिए प्रेरित करेगी।

मृत्युभोज में भी दिखावे पर ब्रेक : मृत्युभोज में फिजूलखर्ची पर भी सख्त निर्णय लिया गया। समाज ने साफ कहा कि कोई भोज या दावत आयोजित करना समाज नियमों के खिलाफ माना जाएगा। उल्लंघन पर पहले चेतावनी, फिर जुर्माने की कार्रवाई तय की गई है। समाज प्रतिनिधियों ने कहा — “यह केवल एक बैठक नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति की शुरुआत है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम परंपराओं के भीतर रहकर विवेक और सादगी से जीवन जिएं।”