मामले में हेड कांस्टेबल भंवरसिंह व कांस्टेबल मीठालाल मीना को किया गया निलंबित
कानून के हाथ लंबे….लेकिन सांचौर में खाकी फिर दागदार
50 लाख रूपयों की लालच में आकर के गुजरात के कुछ प्रॉपर्टी डीलरों से मिलकर रची थी साजिश
तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दखल पर हुई थी उच्च स्तरीय जांच
सांचौर गुजरात के कांग्रेस नेता अहमद पटेल के करीबी सेंधाभाई ठाकोर को 6 साल पहले झूठे NDPS मामलें में फंसाकर गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद में अब उस उस झूठे मामलें की साजिश रचने वाले हेड कांस्टेबल भंवर सिंह और कांस्टेबल मीठालाल को सांचोर पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दखल पर हुई उच्च स्तरीय जांच में हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल पर षडयंत्र रचना साबित हो गया था, लेकिन फाइल कागजों में दबी हुई थी, लेकिन अब सांचौर के एसपी ज्ञानचंद ने निर्देश पर पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात हेड कांस्टेबल भंवर सिंह और सांचौर जिले के बागोड़ा थाने में कार्यरत मीठा लाल को गिरफ्तार किया है। अब दोनों से इस पूरे मामले को लेकर पूछताछ की जाएगी।
छह साल पुराने मामले में गिरफ्तारी की दोनों को नहीं थी भनक
पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस कंट्रोल रूम में कार्यरत हेड कांस्टेबल भंवर सिंह और कांस्टेबल मीठालाल को पुलिस के आलाधिकारियों ने बुधवार को सांचौर बुलाया था। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार करने की सूचना दी गई। इससे पहले दोनों को भनक तक नहीं थी कि करीब छह साल पुराना 2019 के मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है।
दोनों आरोपियों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा
सांचोर पुलिस के द्वारा दोनो आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद में गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से दोनों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। दोनों आरोपियों से इस बारे में पूछताछ की जाएगी। ऐसे में कई राज खुल सकते हैं।
यह था पूरा मामला
गुजरात के गांधीनगर के रहने वाले एक कांग्रेस के बड़े नेता को जेल की हवा खानी पड़ गई जब साचौर पुलिस थाने में तैनात कांस्टेबलों ने चंद पैसों के लिए अपना ईमान बेच दिया और 50 लाख रूपयों की लालच में आकर के गुजरात के कुछ प्रॉपर्टी डीलरों से मिलकर फर्जी एनडीपीएस मामलें में निर्दोष को फंसा दिया।
लालकृष्ण आडवाणी के सामने चुनाव लड़ चुके हैं सेंधा भाई
आपको बता दें कि बुजुर्ग नेताजी कोई आम आदमी नहीं गुजरात के गांधीनगर में एक बार भाजपा से प्रधान, एक बार जिला परिषद सदस्य, एक बार भाजपा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इतना ही नही सेन्धाजी एस ठाकोर एक बार गांधीनगर से भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी के सामने समाजवादी पार्टी से भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
साजिश रचने के पीछे की वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
गांधीनगर के रहने वाले कांग्रेस नेता सेन्धाजी एस ठाकोर के बहनोई की करीब डेढ़ सौ करोड रुपए की एक जमीन है, उस जमीन को कुछ बिल्डरों की ओर से हडपनें की प्लानिंग की जा रही जिसमें सेंधा भाई बीच में अड़चनें पैदा कर रहे थे। इसकों लेकर नेताजी को बीच में से हटानें के लिए नेताजी को जेल भेजनें की प्लानिग बनाई जिसमें सांचौर पुलिस थाने में तैनात पुलिसकर्मियों से संपर्क किया और बिल्डरों ने इन पुलिसकर्मियों को 50 लाख रूपयें दियें और नेताजी को जेल भेजनें की डिल फाईनल हुई। उसके बाद इन पुलिसकर्मियों ने कुछ साल पहलेें नेताजी के नाम की एक इनोवा गाड़ी लेकर फरार हुए युवक से सम्पर्क किया और गाड़ी मगवाई। उसके बाद नेताजी को फसाने की प्लानिंग के तहत सांचौर के पास ही एक गांव से इस गाड़ी में डोडा पोस्त भरा और तत्कालीन जालौर के जिला पुलिस अधिकारी को इतला दी और उसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। एक फर्जी तरीके से मामला बनाकर दिगज्ज नेता सेन्धाजी एस ठाकोर को एनडीपीएस एक्ट में डोडा तस्करी के मामलें में फंसा दिया।