लूणी नदी बहाव क्षेत्र में आज दिन का दूसरा सफल रेस्क्यू, इससे पहले 12 लोगों को भी रेस्क्यू कर स्कूल में सुरक्षित ठहराया गया था।
NDRF Rescue operation सांचौर क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। लूनी नदी उफान पर है और उसके तेज बहाव में कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है। इसी दौरान रणखार से सटे रड़का गांव में 23 लोग फंस गए थे, जिन्हें सुबह से ही सुरक्षित बाहर निकलने का इंतजार था। सूचना मिलते ही प्रशासन ने तुरंत एनडीआरएफ को अलर्ट किया और देर रात तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद सभी 23 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इनमें 15 पुरुष, 5 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल थे। विशेष रूप से एक गर्भवती महिला को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया, जिससे परिजन और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। तेज बहाव और चारों ओर से रास्ते बंद हो जाने के कारण ग्रामीणों को दिनभर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पटवारी संजय विश्नोई भवातड़ा और नायब तहसीलदार खासरवी वेरसीराम मेघवाल मौके पर मौजूद रहे। दोनों अधिकारियों ने NDRF टीम के साथ मिलकर नदी में फंसे लोगों को सुरक्षित पार करवाने में अहम भूमिका निभाई। प्रशासन ने गांव में रह रहे अन्य लोगों के लिए भी तुरंत राशन और आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति कराई, ताकि किसी प्रकार की आपात स्थिति उत्पन्न न हो।

गौरतलब है कि लूनी नदी के उफान के चलते आज दिन में भी 12 लोगों को रेस्क्यू कर नजदीकी स्कूल में सुरक्षित ठहराया गया था। एवं उनके खाने-पीने एवं तमाम प्रकार की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई।

जालोर में रेड अलर्ट, जिलेभर के स्कूल-कॉलेज आज बंद ; जालोर जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि भारी बारिश के चलते लोग नदी-नालों एवं पानी के बहाव वाले क्षेत्रों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। जिले में लगातार हो रही वर्षा को देखते हुए प्रशासन ने रेड अलर्ट घोषित किया है। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से आज जिले के सभी राजकीय एवं निजी शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है।

लूणी के पीछे-पीछे आ रहा जवाई नदी का पानी : लूणी नदी में पानी के तेज वेग की चपेट में 8 हजार हेक्टेयर खेतों की जमीन है। लूणी नदी में पानी बढ़ने से खेत जलमग्न होते जा रहे हैं। पीछे से जवाई का पानी आने से 1 हजार हेक्टयेर खेतों की जमीन भी प्रभावित होगी। बता दें कि लूणी नदी केरिया, सायड़ा, लालपुरा, रामपुरा, शिवपुरा, होतीगांव, टोपी, पावटा, गलीफा, खासरवी, केसूरी और जाणवी होते हुए रणखार में मिलती है। ऐसे में ये सभी गांव बाढ़ की चपेट में है। जवाई वमल, झाब, बोरली, ईटादा, মালয় মাकृकियों की बागीमा से आगे लगी में मिलती है।

जवाई का पानी शाम तक बागोड़ा क्रॉस कर चुका था : जवाई नदी का पानी सोमवार शाम को बागोड़ा क्रॉस कर चुका था। यह पानी आज सांचौर क्षेत्र के झाब होते हुए लूणी नदी में मिलेगा। जिससे लूणी नदी का वेग और जलस्तर बढ़ने से चितलवाना और हाड़ेचा में जल स्तर हालात और अधिक विकट होने की आशंका है।

लोगों को ऊंचे क्षेत्रों में जाने की हिदायत दी जा रही : चितलवाना एसडीएम देसलाराम परिहार का कहना है कि लूणी नदी के बहाव क्षेत्र को लोगों सूचित कर ऊंचे क्षेत्रों में जाने की हिदायत दे दी गई है। किसी भी आपात स्थिति के लिए एनडीआरएफ की टीम हमारे पास मौजूद है। पानी के वेग और संभावित स्थितियों को देखते इय प्रशासन प्रहरी की तरह सतर्क है।



