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चाचा को बचाने 22 साल का भतीजा भी कूदा नहर में, दोनों की मौत, 6 घण्टे बाद मिले शव

•नर्मदा नहर मुख्य केनाल में से स्थानीय गोताखोरों की मदद से निकाले मिले शव

•चाचा-भतीजा का प्रेम था अटूट गांव में लोग देते थे दोस्ती की मिसाल

•चाचा मिल्कमैन तो भतीजा था बैंक मैनेजर

सांचौर.सांचोर से गुजरने वाले नर्मदा मुख्य नहर में दो व्यक्तियों के शव मिले हैं, जिन्हें राजकीय मोर्चरी में रखवाया गया है। सांचोर के अगार-किलवा गांव की सरहद में देर शाम को दो लोगों के नहर में गिरने की सूचना पर सांचोर पुलिस को मिली। जिस पर सांचोर थानाधिकारी सहित पुलिस जाब्ता मौक़े पर पहुंचा और स्थानीय लोगों की सहायता से शवों को बाहर निकाला गया। दोनों मृतक युवक नेनुङा (गुजरात) के निवासी हैं।

किरण भाई पाबूभाई पटेल (22 वर्ष)

गुजरात के नेनुडा निवासी भेमा भाई पुत्र मादेवा भाई जाती पटेल ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि मेरा काकाई भाई जेताभाई रुड़ा भाई पटेल (33 वर्ष) व भतीज किरण भाई पाबूभाई पटेल (22 वर्ष) दोनों ही किलवा में मिलने जा रहे थे। इसी बीच ज्यो ही दोनों गोलासन पहुंचे। तो जेता भाई नहर में पानी पीने गया तो पैर फिसल गया। इस दौरान वह डूबने लगा तो मेरा भतीज किरण भाई उसको बचाने गया तो दोनों डूब गए। जिससे उनकी मौत हो गई।

मृतक जेताभाई रुड़ा भाई पटेल (33 वर्ष)

जेताभाई गाँव मे ही दूध का व्यवसाय करता है तो वहीं किरण गुजरात के बैंक में नोकरी करता था। दोनों के मौत की सूचना के बाद परिवार में मातम छा गया। अब परिजनों की रिपोर्ट के बाद शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

मृतक किरण पटेल बैंक में था कार्यरत

सांचौर बाड़मेर की जीवनदायनी कहीं जाने वाली नर्मदा नहर में आए दिन इस प्रकार के कई हादसे देखे जा सकते हैं। सांचौर क्षेत्र में कहीं जगह नर्मदा नहर के पास बनी सड़क नहर से ऊंचाई पर होने के कारण वाहन चालक एवं मोटर साईकिल चालक असंतुलित होकर गिर जाते हैं। नर्मदा विभाग की ओर से किसी भी प्रकार से बचाव के लिए सेफ्टी दीवार या जाली नहीं देखी जा सकती है।

मृतक जेताभाई के दूध का था बड़ा व्यवसाय

पुखराज बिश्नोई

पुखराज पिछले 8 सालों से पत्रकारिता में सक्रिय है. इन्होने प्रतिष्ठित अखबार दैनिक भास्कर से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की. अब तक टाइम्स नाऊ, सच बेधड़क समेत कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में सेवा दे चुके है. फिलहाल मीडिया हाउस सांचौर में संपादक के पद पर कार्यरत है.

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भाई मत कर कॉपी..बहुत मेहनत लगती है लिखने में!