•भाजपा के जालौर जिला अध्यक्ष राव ने भी सीएम को लिखा पत्र सांचौर जिला यथावत रखें।
•समस्त व्यापार महासंघ जिला सांचौर के व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट को सोपा ज्ञापन सीएम के नाम
•जिले के विभिन्न संगठनों के साथ-साथ भाजपा एवं कांग्रेस नेताओ का सीएम को पत्र लिखने का सिलसिला जारी
सांचौर.पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम लिखा पत्र, मदन राठौड़ द्वारा दिये बयान को बताया निंदनीय, पूर्व मंत्री बोले; राठौड़ न तो राज्य केबिनेट के सदस्य हैं और न ही जिला कमेटी के सदस्य, ऐसे में जिलों को लेकर दिया गया बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, कमेटी की रिपोर्ट से पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं? पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री को सांचोर की भौगोलिक स्थिति को लेकर करवाया अवगत, सांचोर जिले का गठन पूर्णतः तर्कसंगत और न्यायसंगत।
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में बने 17 नए जिलों को लेकर वर्तमान भजनलाल सरकार कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी के निर्णय आने से पहले ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने सांचौर सहित नए जिलों में से कुछ को कम करने को लेकर दिए बयान पर सांचौर क्षेत्र के विभिन्न संगठनों द्वारा व्यापक प्रतिक्रिया हुई। राठौड़ ने रविवार को भीलवाड़ा में दिए बयान में सांचौर का जिक्र करते हुए कहा था कि छह-सात जिले हटाया जा सकता हैं। रविवार रात को ही पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई की कड़ी प्रतिक्रिया आ गई थी। आज पूर्व राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई ने सूबे के मुखिया को पत्र लिखकर बताया की सांचौर जिले के सारे मापदंड पूरे करता है। अगर जिले से छेड़छाड़ की जाती हैं तो बड़ा आंदोलन होगा।
बिश्नोई नेपत्र में लिखा की 8 सितम्बर 2024 को भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ द्वारा सांचौर जिले को निरस्त करने का जो बयान दिया गया है वह बहुत ही निंदनीय और हम सभी सांचौर जिलेवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बयान है। मदन राठौड़ न तो राज्य कैबिनेट के सदस्य हैं, न ही नवघोषित जिलों को लेकर बनी कमेटी के सदस्य हैं इसके बावजूद उनके द्वारा इस तरह का बयान देना बेहद दुर्भाग्यजनक है। नवघोषित जिलों को लेकर बनी कमेटी की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। उससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इस तरह का बयान देते हैं तो इससे उनकी सांचौर जिले के प्रति दुर्भावना, द्वेषता साफ़ तौर पर झलकती है।
भाजपा के जालौर जिला अध्यक्ष राव ने भी सीएम को लिखा पत्र सांचौर जिला यथावत रखें।
भाजपा के जालौर जिला अध्यक्ष श्रवण सिंह राव ने भी सांचौर जिला यथावत रखने को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र।
भाजपा जिला अध्यक्ष ने लिखा की पिछली सरकार द्वारा गठित रामलुभाया कमेटी द्वारा विस्तृत अध्ययन के बाद सांचौर को जिला बनाने की सिफारिश की गई थी। इस रिपोर्ट में तमाम मापदंडों पर खरा उतरने के बाद सांचौर को जिला घोषित किया गया था।
सुखराम बिश्नोई ने लिखा की हम आपके संज्ञान में पुनः प्रमुख तथ्य लाना चाहते हैं जिनके आधार पर सांचौर को जिले के सबसे आदर्श माना गया था। जालोर जिला मुख्यालय से सांचौर जिला मुख्यालय की दूरी 146 किलोमीटर है। जालौर जिला मुख्यालय से सांचौर के अंतिम गांव की दूरी 243 किलोमीटर है। सांचौर के अधिकतर गाँवों की जालौर से औसत दूरी 170 से 200 किलोमीटर तक है। बरसात के सीजन में नदी-नालों के चलते सांचौर अधिकतर समय जालौर जिला मुख्यालय से पूरी तरह कटा रहता है।
समस्त व्यापार महासंघ जिला सांचौर के व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट को सोपा ज्ञापन सीएम के नाम
आज समस्त व्यापार महासंघ के बैनर तले जिले के समस्त व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट को मुख्यमंत्री का नाम ज्ञापन सोपा, ज्ञापन में बताया कि सांचौर जिला है वह सभी मापदंड को पूरा करता है और जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूरी है जो न्याय संगत नहीं है।
मदन राठौड़ ने बयान दिया कि सांचौर एक विधानसभा क्षेत्र वाला जिला है जबकि सांचौर जिले में सांचौर विधानसभा के अलावा रानीवाड़ा व भीनमाल विधानसभा क्षेत्र की तहसीलें शामिल हैं। 2011 के अनुसार सांचौर जिले कि जनसँख्या करीब 11 लाख है. इसमें 4 उपखंड (सांचौर, चितलवाना, रानीवाड़ा व बागोड़ा) तथा 4 तहसीलें, 5 पंचायत समितियां, 150 ग्राम पंचायतें, 451 राजस्व गांव शामिल हैं। ऐसे में राठौड़ सांचौर को कैसे एक छोटा जिला कह सकते है।
सांचौर भौगोलिक रूप से भी जालौर जिले से भिन्न है। यहां नेहड़ का दलदली व रेगिस्तानी क्षेत्र है। यहा नर्मदा नहर आने के बाद भौगोलिक हालात बदल गए हैं। आज सांचौर की अपने आप में एक बड़ी अर्थव्यवस्था है। सांचौर से तीन-तीन राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं। विश्व की सबसे बड़ी गौशाला सांचोर में स्थित है, और सांचोर के गाँव भवातड़ा में सुखा बंदरगाह स्थित है। पूर्व के जालौर जिले का गठन मारवाड़ के जालौर, भीनमाल व सांचौर परगना (जिले) मिला कर किया गया था। स्पष्ट है कि मारवाड़ स्टेट के अधीन भी सांचौर जिला था।
सांचौर जिले का गठन पूर्णतया तार्किक, न्यायसंगत है. इसके गठन से एक बड़े इलाके का कल्याण हो रहा है। सभी मापदंडों व जनकल्याण को देखते हुए सांचौर जिले को बरकरार रखा जाए व मदन राठौड़ के बयान की निंदा की जाए।