जयपुर.जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में विलुप्त नदियों को संरक्षित करने की दिशा में प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। करौली जिले की भद्रावती नदी का पुनरुद्धार किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा कार्य करवाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा रूपारेल, साबी एवं जोजरी नदी को पुनर्जीवित किये जाने हेतु डी.पी.आर. का कार्य बजट घोषणा वर्ष 2024-25 के अन्तर्गत करवाये जाने हेतु स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
जल संसाधन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जाखम बांध के अधिशेष जल को राजसमंद, चित्तोड़गढ़ व भीलवाड़ा के मेजा, भोपालसागर, राजसमंद, नंदसमंद आदि बांधो में अपवर्तित किए जाने के लिए बजट घोषणा वर्ष 2024-25 के अन्तर्गत क्रियान्वयन हेतु 12.50 करोड़ रुपये की लागत से डी.पी.आर तैयार करने हेतु कार्यादेश 10 फरवरी को जारी किए गए हैं।
रावत ने बताया कि भारत सरकार की राष्ट्रीय नदी संरक्षण परियोजना अंतर्गत जोधपुर जिले की जोजरी नदी में प्रवाहित हो रहे प्रदूषित सीवरेज पानी के ट्रीटमेंट हेतु चार कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिनका कार्य जोधपुर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम जोधपुर द्वारा किया जाना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा वर्ष 2024-25 अंतर्गत नदियों की साफ-सफाई हेतु डिसिल्टिंग एवं ड्रेजिंग के कार्य सक्षम स्वीकृति एवं वित्तीय संसाधन उपलब्धतानुसार कराये जाने प्रस्तावित हैं।
इससे पहले विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने बताया कि नदियों को पुनर्जीवित करने अंतर्गत रिजटू वैली कैचमेंट क्षेत्र उपचारित पद्धति आधारित वानिकीकरण कार्य, जल संरक्षण कार्य, मृदा संरक्षण कार्य, नाला उपचार कार्य, प्रदूषण को रोकने संबंधी कार्य एवं सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु सामुदायिक संगठन एवं सूचना शिक्षा एवं संचार (आई.ई.सी.) गतिविधियों को सम्मिलित कर डी.पी.आर. तैयार की जाकर स्वीकृति उपरांत संसाधन उपलब्धतानुसार कार्य करवाये जाने हैं।
रावत ने बताया कि नदियों में अतिक्रमण के संबंध में राज्य उच्च न्यायालय द्वारा सुओ मोटो सिविल रिट पिटीशन संख्या 11153/2011 में पारित आदेश की पालना में जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा नियमित मॉनिटरिंग की जाती है। खनन विभाग के अनुसार अवैध खनन करते पाये जाने पर राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली 2017 के नियम 54 एवं एम.एम.डी.आर. एक्ट 1957 की धारा 4 व 21 के तहत शास्ति के प्रावधान अमल में लिये जाते हैं तथा विभिन्न विभागों में समन्वय स्थापित कर प्रभावी कारवाई करने हेतु एस.आई.टी. का गठन किया गया है।