राजस्थान की प्राथमिक शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार की दीमक लग चुकी थी। अलग-अलग पेपर लीक मामलों में संलिप्त पाँच शिक्षकों को आखिरकार विभाग ने बर्खास्त कर दिया है। डीईओ प्रारंभिक शिक्षा मुनेश कुमार मीणा ने 2 मई को इन शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए। इनमें से चार शिक्षक पहले ही पुलिस गिरफ्त में हैं जबकि एक अभी भी फरार है। इन शिक्षकों में कोई खुद डमी बनकर परीक्षा दे रहा था, तो कोई अपने रिश्तेदार को डमी अभ्यर्थी बनाकर सरकारी नौकरी दिलवा चुका था। कोई ब्लूटूथ से नकल कराने वाला गिरोह का हिस्सा रहा, तो किसी ने सैकड़ों अभ्यर्थियों को पेपर लीक कर पास करवाया।
सुनील कुमार बेनीवाल : खुद डमी बना, साली को पढ़ाया सॉल्वड पेपर
राजस्थान की परीक्षा प्रणाली को शर्मसार करने वाला नाम है सुनील कुमार बेनीवाल। 2012 में शिक्षक बना सुनील, अब जेल में बंद है। कनिष्ठ लेखाकार भर्ती परीक्षा 2013 में ब्लूटूथ से नकल कराने और वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा 2016 में गोपालराम की जगह खुद परीक्षा देने का दोषी पाया गया। पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित कर उसे 2024 में हैदराबाद से गिरफ्तार किया। सुनील ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में अपनी साली राजेश्वरी विश्नोई को सॉल्वड पेपर परीक्षा से पहले दिलवाया। इसके बदले 15 लाख का सौदा सरगना जगदीश विश्नोई से हुआ था। राजेश्वरी ने मेरिट में 542वीं रैंक प्राप्त की।
गणपतराम गोदारा: तत्कालीन डीईओ का भाई, कार्रवाई भाई के तबादले के बाद
2013 में नियुक्त हुए गणपत गोदारा, उस समय के डाइट डीईओ श्रीराम गोदारा के भाई हैं। गणपत सांचौर के कारोला स्थित राप्रावि में कार्यरत था। एसआई भर्ती, जेईएन भर्ती और कई अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक की साजिशों से जुड़ा रहा। सांगानेर थाने में केस दर्ज है। डीईओ भाई के रहते कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन उनके हटते ही उसे एसओजी ने 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया।
राजीव विश्नोई: 42 अभ्यर्थियों को बस में पढ़ाया पेपर, पेपर लीक की फैक्ट्री चला रहा था
2018 में नियुक्त राजीव विश्नोई का नाम शिक्षा माफिया के संगठित नेटवर्क में बड़े तौर पर जुड़ा मिला। जयपुर में सरगना जगदीश व अन्य के साथ मिलकर कई पेपरों को सॉल्व किया। उदयपुर की सेकंड ग्रेड परीक्षा 2022 में 42 अभ्यर्थियों को बस में पेपर पढ़ाया गया। एसओजी ने 11 जुलाई 2024 को गिरफ्तार किया।
अरविंद विश्नोई: खुद परीक्षा नहीं दी, डमी को बैठाकर बना शिक्षक
2023 में शिक्षक बना अरविंद विश्नोई अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी को बिठाकर तृतीय श्रेणी परीक्षा 2022 में पास हो गया। 6 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी की सूचना विभाग को नहीं दी, न ही नोटिस का जवाब दिया।
दलपतसिंह विश्नोई: फर्जी डिग्री से भर्ती, परीक्षा बाद में दी
2019 में नियुक्त दलपतसिंह विश्नोई की डिग्री वीएमओयू की बताई गई, लेकिन वह भर्ती के बाद प्राप्त की गई। वहीं प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 के लिए मेवाड़ विश्वविद्यालय की डिग्री फर्जी पाई गई। अजमेर में मामला दर्ज है।
