Education department : सांचौर के निजी स्कूल के द्वारा एक फरमान जारी किया गया है, जिसने अभिभावकों और विद्यार्थियों को हैरान कर दिया है। स्कूल के द्वारा दिए गए निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि फीस नहीं भरने वाले विद्यार्थियों को स्कूल में एंट्री नहीं दी जाएगी। वहीं स्कूल में 24, 25 और 26 मार्च को तीन दिन तक मासिक परीक्षा थी। इसी मासिक परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों पर दबाव बनाने को लेकर यह निर्देश जारी किए गए। अब अभिभावकों ने आरोप लगाया हैं कि स्कूल प्रशासन ने विद्यार्थियों को गेट पर ही रोक दिया। पूरा मामला सांचौर के सोलर इंटरनेशनल स्कूल का हैं।

जिला कलेक्टर तक पहुँची शिकायत, जिला शिक्षा अधिकारी पहुंचे स्कूल : पूरे मामलें के बाद में अब स्कूल की शिकायत जालोर जिला कलेक्टर प्रदीप के गवाड़े तक पहुंच गई हैं। जिसके बाद में उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी भेराराम को रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद में बुधवार को शाम जिला शिक्षा अधिकारी भेराराम चौधरी स्कूल में पहुंचे। यहां पर उन्होंने स्कूल के रेकॉर्ड को कब्जे में लिया। अब रिपोर्ट बनाकर जिला कलेक्टर को भेजी जाएगी। उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

शिक्षा के अधिकारों का उल्लंघन : नियमों के अनुसार स्कूल प्रशासन का कदम शिक्षा के अधिकारो का उल्लंघन करता है। किसी भी विद्यार्थी को उसकी फीस जमा नहीं करने के कारण शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता हैं। ऐसे में इस तुगलकी फरमान ने न केवल विद्यार्थियों के भविष्य को खतरे में डाला बल्कि स्कूल की सांख भी दांव पर लगा दी है।

अभिभावकों का आरोप- छात्रों को गेट पर खड़ा रखा : अभिभावकों ने फीस जमा नहीं होने वाले विद्यार्थियों को गेट बाहर खड़ा रखने का आरोप लगाया। इस घटनाक्रम के बाद छात्र काफी डिप्रेशन में आ गए हैं क्योंकि पहली बार उन्हें इस तरह के व्यवहार का सामना करना पड़ा। इससे वे तनावपूर्ण स्थिति में नजर आए। हालांकि पड़ताल में कई अभिभावकों ने बताया कि वे फीस जमा कर देंगे, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उनकी एक नहीं सुनी और बच्चों के स्कूल में प्रवेश पर प्रतिबंधित कर दिया।

रिकॉर्ड की जांच पर रिपोर्ट बना कर होगी कार्रवाई : कलेक्टर के निर्देश पर सोलर इंटरनेशनल में गया था। वहां से स्कूल का रिकॉर्ड कब्जे में लिया है। कल रिकॉर्ड की जांच के आधार पर रिपोर्ट बना कर कार्रवाई की जाएगी। साथ में रिपोर्ट कलेक्टर को दी जाएगी।
— भैराराम चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी, जालोर
यह सच है कि हमने मैसेज बनाकर स्कूल ग्रुप में भेजा था, लेकिन यह हमारी आधिकारिक घोषणा नहीं थी। हमने किसी छात्र को टेस्ट से वंचित नहीं रखा।
______विजय सिंह राजपूत, प्रधानाचार्य, सोलर इंटरनेशनल स्कूल सांचौर