5-7 छोटे जिले रद्द होने की कगार पर सांचौर का भी नाम भी सूची में
नए जिलों पर सरकार अस्थिरता पैदा कर रही है
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने नए जिलों को लेकर विशेष सत्र बुलाने की मांग की है
सांचोर.जब से गहलोत सरकार के द्वारा नए जिले बनाये गए हैं, तभी से भाजपा के नेता उन जिलों को सही नहीं बता रहे थे। और उसके बाद में प्रदेश में भाजपा की नई सरकार के बनते ही इन्हें रद्द करने की बात शुरू हो गई। उसके बाद में सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहा वो हैं सांचोर जिला। सांचोर जिले को यथावत रखने को लेकर बड़ा धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल भी हो चुकी हैं। लेकिन अब लगता है कि सांचोर जिले को यथावत रखने को लेकर फिर से बड़ा प्रदर्शन हो सकता है।
इन नए जिलों के रिव्यू के लिए बनी कमेटी ने काम लगभग पूरा कर लिया है। उपचुनाव के बाद कमेटी सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके बाद में सरकार छोटे जिलों को खत्म करने या बरकरार रखने पर फैसला करेगी। मंत्रियों की कमेटी का भी मानना है कि मापदंडों को पूरा नहीं करने वाले जिलों को मर्ज कर देना चाहिए।
जिलों को खत्म करना राजनीतिक कारण या मापदण्ड के अनुरूप न होना
रिव्यू कमेटी में शामिल कई मंत्रियों ने इस तरह के संकेत दिए है कि गहलोत राज में बने जिलों को खत्म किये जाये। अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि सरकार इन जिलों को राजनीतिक कारणों से खत्म करेगी या मापदण्डों के अनुरूप न होने के कारण। क्योंकि कहि न कही इनमें राजनीतिक कारण भी होंगे। क्योंकि भाजपा लगातार आरोप लगाती आ रही है कि कॉग्रेस में राजनीतिक फायदों के लिए जिले बनाये।
गहलोत राज में बने जिलों में दूदू, सांचौर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी को लेकर सवाल उठे थे। भाजपा नेताओं का कहना था कि इन जिलों के इलाके बहुत छोटे हैं। उपखंड जितना ही इलाका है। इन्हें जिले बनाने पर विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने भी खूब सवाल उठाए थे। रिव्यू कमेटी में शामिल मंत्रियों ने भी कहा था कि विधानसभा क्षेत्र जितने इलाकों को जिला बना दिया। इस हिसाब से 200 जिले बनाने पड़ेंगे। मंत्रियों की कमेटी ने रिपोर्ट में हर जिले पर अपनी सिफारिश देगी।
पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने सांचोर जिले को लेकर दिया था धरना
गहलोत राज में बने जिलों को खत्म करने पर मंत्रियों की कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही बहुत सी जगहों पर विरोध हो चुका है। सांचौर सहित कई जगहों पर कांग्रेस नेताओं ने धरने प्रदर्शन किए थे। वहीं सांचोर में पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन भी किया था। ऐसे में अब आगे भी बड़ा विरोध प्रदर्शन होना तय माना जा रहा है।
31 दिसंबर से पहले करना होगा जिलों पर फैसला
सरकार को छोटे जिलों को मर्ज करने और पुनर्गठन का फैसला 31 दिसंबर से पहले करना होगा। 31 दिसंबर तक ही जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने जिलों से लेकर उपखंड, तहसील व नए गांव बनाने और उनकी बाउंड्री बदलने की छूट दे रखी है। 1 जनवरी 2025 से नई प्रशासनिक यूनिट बनाने और प्रशासनिक यूनिट की बाउंड्री बदलने पर रोक लग जाएगी।