जिले के चितलवाना तहसील के तैतरोल गांव में पिछले करीब 60 वर्षों से निवासरत घमन्तु समुदाय के करीब 200 परिवारों के सामने बेघर होने का संकट मंडरा रहा है। तहसील प्रशासन द्वारा खसरा नंबर 223 की भूमि पर अतिक्रमण का हवाला देते हुए राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम की धारा 91 के तहत नोटिस जारी किया गया है, जिसके बाद इन परिवारों में भय का माहौल है। घुमंतू समुदाय के लोगों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया गया।

ज्ञापन में बताया कि यह घमन्तु परिवार कई पीढ़ियों से उक्त भूमि पर रह रहे हैं और यही उनका एकमात्र आश्रय है। कुछ परिवारों ने यहां पक्के आवास भी बना लिए हैं और कई को बिजली कनेक्शन भी मिला हुआ है। इन परिवारों के पास न तो कहीं कृषि भूमि है और न ही किसी गांव में आबादी भूमि या प्लॉट आवंटित है।
इन हालात में यदि प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया जाता है तो ये सभी परिवार सड़कों पर आ जाएंगे। इस संबंध में ग्रामीणों ने सांचौर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि इन 60 वर्षों से बसे परिवारों को बेदखल करने की बजाय उन्हें नियमित आवासीय पट्टा जारी किया जाए, ताकि वे स्थायी रूप से सुरक्षित जीवन यापन कर सकें।