तिरुमला तिरुपति देवस्थानम में शुद्ध लड्डू प्रसाद के लिए श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा ने भेजा प्रस्ताव, गौशाला प्रारंभ हो तो सेवा में सहयोग करने को तैयार
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, तिरुमला तिरुपति देवस्थान के चेयरमैन और ईओ के साथ युग तुलसी फाउंडेशन के चेयरमैन के. शिव कुमार को भेजा सुझाव पत्र, 64 गोशालाओं में 1,55,000 गोवंश की सेवा का अनुभव है गोधाम महातीर्थ के पास
सांचौर.श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा (सिरोही) की ओर से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, तिरुमला तिरुपति देवस्थान के चेयरमैन और ईओ को एक प्रस्ताव भेजा है। गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के सीईओ आलोक सिंहल ने बताया कि आंध्र प्रदेश स्थित तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की ख्याति देश और दुनियाभर के श्रद्धालुओं में है। प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान गोविंदा के दर्शन के लिए मंदिर में पधारते हैं। मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में लड्डू वितरित किए जाते हैं।
देश के लाखों श्रद्धालुओं को पता है कि तिरुमला तिरुपति देवस्थान में शुद्ध एवं पवित्र प्रसाद प्रदान किया जाता है चूंकि वहां प्रतिदिन लाखों की संख्या श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में वहां प्रसाद भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना आवश्यक है। श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा की ओर से सुझाव दिया गया है कि तिरुमला तिरुपति देवस्थान के पास भूमि, राशि और समर्पित सेवकों की कोई कमी नहीं है अगर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम प्रबंधन की ओर से गौशाला स्थापना का निर्णय लिया जाए तो गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा गोशाला संचालन सेवा में सहयोग को तैयार है।
गोशाला की स्थापना करने से वहां डेढ़ लाख से अधिक दुधारू गोवंश की सेवा की जा सकती है। इतनी संख्या में गोवंश की सेवा करने से प्रतिदिन 15 लाख लीटर दूध क्षमता का डेयरी प्लांट लगाया जा सकता है। इस डेयरी प्लांट से 15,000 लीटर घी प्रतिदिन उत्पादित किया जा सकता है इस 15 हजार किलो घी प्रतिदिन उत्पादित करके तिरुमला तिरुपति देवस्थानम प्रबंधन की ओर से रोजाना लाखों भक्तों को शुद्ध घी से बना प्रसाद वितरित कर सकते हैं।
सिंहल ने कहा कि तिरुमला तिरुपति देवस्थान इस पुण्य कार्य की दिशा में कदम उठाए तो श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा सेवा में सहयोग प्रदान करने को तैयार है। लोक प्रसिद्ध गोसेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के पास के गोवंश की सेवा का लंबा अनुभव है।
इसकी स्थापना परम श्रद्धेय गोऋषि स्वामी श्री दत्तशरणानंदजी महाराजश्री के पावन सानिध्य एवं संकल्पानुसार वर्ष 1993 में मात्र 8 गोवंश से की गई थी। वर्तमान में राजस्थान, गुजरात, पंजाब, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में 64 गोशालाओं का संचालन किया जा रहा है। इन 64 गोशालाओं में 1,55,000 से अधिक निराश्रित दुर्घटनाग्रस्त, विकलांग, वृद्ध, अशक्त और नर गोवंश की सेवा पूज्य भाव से संपादित हो रही हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे गए इस प्रस्ताव की प्रतिलिपि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के चेयरमैन बीआर नायडू, ईओ जे श्यामल राव और युग तुलसी फाउंडेशन के चेयरमैन के. शिव कुमार को भी भेजी गई है।