राजस्थान पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले दो प्रमुख अपराधियों, हनुमान उर्फ हड़िया और जालाराम को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। इन गिरफ्तारियों के साथ ही राज्य के साथ-साथ देश के कई अन्य राज्यों में फैले नशे के साम्राज्य को नेस्तनाबूद करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार का बयान: पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने कहा कि यह कार्रवाई समाज को नशे के चंगुल से छुड़ाने के लिए की गई है। ऑपरेशन ‘कंटकमोचक’ के तहत हनुमान उर्फ हड़िया और ‘जैमरोल’ ऑपरेशन के तहत जालाराम की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने अपनी मजबूत पकड़ साबित की है।

गिरफ्तार अपराधियों की पहचान: हनुमान उर्फ हड़िया (29 वर्ष), निवासी खारी, जालोर पर मादक पदार्थों की तस्करी के कई प्रकरण राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड और नेपाल में दर्ज हैं। हनुमान ने अपने नशे के व्यापार को पांच राज्यों और दो देशों तक फैलाया था। राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया था। वहीं जालाराम (34 वर्ष), निवासी कपूरड़ी, बालोतरा भी लंबे समय से नशे के कारोबार में सक्रिय था और उसने मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बिहार, और झारखंड तक अपनी तस्करी फैलायी थी। वह हनुमान के साथ मिलकर नशे का साम्राज्य चला रहा था।
ऑपरेशन की सफलता: साईक्लोनर टीम ने तीन महीनों तक पांच राज्यों में लगातार अभियान चलाया और अंततः हनुमान और जालाराम को पकड़ने में सफलता हासिल की। इन दोनों अपराधियों के पकड़े जाने से राजस्थान और अन्य राज्यों में मादक पदार्थों की तस्करी में बड़ी कमी आ सकती है।
हनुमान और जालाराम की गिरफ्तारी के लिए साईक्लोनर टीम ने लगातार सूचनाएं एकत्र कीं। मुखबिरों के जरिए दोनों अपराधियों के ठिकाने और गतिविधियों का पता चला। जालाराम को जयपुर से गिरफ्तार किया गया, जबकि हनुमान को कोटपुतली में एक घर से गिरफ्तार किया गया। हनुमान ने भागने की कोशिश की, लेकिन साईक्लोनर टीम ने उसे पकड़ लिया।
टीम का योगदान:
ऑपरेशन में रेंज स्तरीय साईक्लोनर टीम के प्रभारी श्री कन्हैयालाल और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा। साईक्लोनर टीम के श्री गजराज सिंह, श्री राकेश और अन्य अधिकारियों ने इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।