कलेक्ट्रेट के आगे ट्रैक्टर ट्राली खड़े करके धरना स्थल पर भोजन में लापसी, दाल-रोट किए तैयार
जालौर.जवाई नदी के पुर्नभरण के पानी और फसल बीमा सहित विभिन्न मांगो को लेकर किसानों का महापड़ाव, कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर किसान बैठे धरने पर, सैकड़ो की संख्या में किसान पहुंचे हैं किसान, वन-वे रोड़ पर किसानो को रोककर जताया आक्रोश।
नाराज किसानो ने रोड़ पर ट्रेक्टर खड़े कर धरनास्थल जाकर बेठे, वन-वे रोड़ पर लगा जाम, तहसीलदार, एएसपी, डीवाईएसपी सहित पुलिस जाब्ता पहुंचा मौके पर, किसानो से समझाइश कर खुलवाया जाम, जवाई बांध के पानी पर जालोर के हक नदी के पुर्नभरण फसल बीमा में अनियमितताओ सहित विभिन्न मांगो को लेकर किसानों का है महापड़ाव, जिले के आहोर, जालोर, सायला, बागोड़ा उपखंड के बड़ी संख्या किसान जुट हैं महापड़ाव में किसान।
जालौर जिला मुख्यालय पर किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है जिसमें कलेक्ट्रेट के बाहर अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू कर दिया है..इस महापड़ाव में आसपास के 300 गांव से 5 हजार से अधिक किसान प्रतिनिधियों के शामिल होने की आशंका है। जिसमें किसानों की ओर से जवाई नदी के पुनर्भरण और बीमा क्लेम सहित किसानों की विभिन्न मांगो और समस्याओं को लेकर महापडाव दिया गया है।
किसानों के शुरू हुए इस महापड़ाव कलेक्ट्रेट के बाहर धरना शुरू हुआ। दोपहर करीब 12 बजे किसानों ने कलेक्ट्रेट वन वे रोड अस्पताल चौराहे पर बीच रास्ते में ट्रैक्टर लगाकर जाम लगा दिया इसके बाद पुलिस और प्रशासन व तहसीलदार समझाइस के लिए पहुंचे। इधर किसने के महापडाव और धरने को लेकर बड़ी संख्या में किसान धरना स्थल पर पहुंचे पुलिस ने ट्रैक्टरों को रास्ते से हटवाने के प्रयास किए लेकिन काफी देर तक जाम लगा रहा इसके बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से किसानों से समझाइश कर जाम को दुरुस्त करवाया। बता दें कि किसानों के इस महापडाव में जालौर आहोर सायला बागोड़ा उपखंड के सैकड़ो की संख्या में किसान धरने में शामिल हो रहे हैं।
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष रतन सिंह कानीवाड़ा ने बताया कि पानी और बीमा किसने की सबसे बड़ी मांग है जवाई नदी के पानी पर पूरी तरह जालौर का हक होना चाहिए और पानी के मामले में जालौर जिला अब डार्क जॉन से भी बदतर हालात हो रहे हैं। अति दोहन के कारण यहां पर्यावरण का संतुलन बिगड़ चुका है। भूजल की गुणवत्ता इतनी खराब हो चुकी है। कि यह पीने के लायक भी नहीं रहा है यहां तक की पेड़ पौधों के उगने पर भी तेजी से असर पड़ रहा है।
ऐसा ही रहा तो कुछ समय बाद जालौर जिला पुलिस पूरी तरह बंजर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी किसानों की मुख्य मांग है कि जवाई नदी के प्राकृतिक बहाव को लेकर नदी पर जितने भी बांध है उनमें सबसे बड़ा बांध जवाई बांध है जिसका पानी जवाई नदी में सालभर नदी में बहाया जाय और नदी के प्राकृतिक बहाव सुचारु कर मेंटेन रखा जाए। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी दूसरी यह मांग है। किसानों की फसल बीमा की अर्जियां पटवार मंडलों की अपील के रूप में जयपुर कार्यालय में पेंडिंग पड़ी है। यह करीब सवा सौ करोड रुपए का बीमा क्लेम है। वह समय पर किसानों को मिलना चाहिए और इस पर सरकार जल्द ही ठोस कार्रवाई कर किसानों को फसल बीमा क्लेम दिया जाए। इसके अलावा भी किसानों की विभिन्न समस्याएं और मांगे भी शामिल हैं।
इधर किसानों के महापड़ाव को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर पहुंच रहे किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था भी किसान संगठनों की ओर से शुरू की गई है। इसमें किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर ही धरना स्थल पर भट्टी और चूल्हे लगाकर किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में यहां पर किसानों का अनिश्चितकालीन महापड़ाव लंबे समय तक चने की संभावना लग रही है। तो जिले के जालौर आहोर बागोड़ा सायला से भी भारी संख्या में किसानों के जुड़ने की संभावना है। किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगे सरकार की ओर से पूरी नहीं की जाती है तब तक अनिश्चितकालीन महापड़ाव जारी रहेगा।