जालौरजैसलमेरजोधपुरदेशनरेंद्र मोदीपुलिसबाड़मेरभक्ती, श्रध्दाभीनमालराजस्थानरानीवाड़ासांचौरसिरोही

पथमेड़ा में प्रतिदिन वेदलक्षणा गोमाता के गोबर से बनेगी 2 टन सीबीजी गैस, पीएम नरेन्द्र मोदी कल करेगे लोकार्पण

विश्व की सबसे बड़ी गौशाला है श्री गोधाम महातीर्थ आनन्दवन पथमेड़ा

वर्तमान में गौशाला में करीब 13 हजार से अधिक गोवंश है

HPCLद्वारा 25 करोड़ से अधिक की लागत से 15 बीघा भूमि पर बनाया गया है प्लांट

सांचोर.पथमेड़ा में गायों के गोबर से बायो सीबीजी गैस का उत्पादन शुरू होने जा रहा है। इस प्लांट में प्रतिदिन 2 टन बायो सीबीजी गैंस का उत्पादन होगा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा गोवर्धन योजना के अन्तर्गत एच पी सी एल के माध्यम से निर्मित इस प्लांट का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से तथा सी . आर .पाटिल केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री एवं मनोहरलाल खट्टर केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री की उपस्थिति में नई दिल्ली से 02 अक्टुम्बर को प्रातः10 बजे किया जायेगा।

HPCLद्वारा 25 करोड़ की लागत से 15 बीघा पर बनाया गया है प्लांट

एच पी सी एल द्वारा 25 करोड़ से अधिक की लागत से 15 बीघा भूमि पर प्लांट बनाया गया है। पथमेड़ा स्थित गोशाला में 13 हजार के लगभग गोवंश है, जिनसे प्राप्त 100 टन गोबर का प्रतिदिन सीबीजी संयत्र में उपयोग किया जायेगा। लोकार्पण के अवसर पर वरिष्ठ गोभक्त, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित रहेगें ।

एचपीसीएल का प्लांट बनकर हुआ तैयार कल मोदी करेंगे उद्घाटन

संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी)

यह बायोगैस का शुद्ध रूप है। इसे नगरपालिका के ठोस कचरे, अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों से निकलने वाले कीचड़, बाज़ार के अवशेषों, कृषि अवशेषों, मवेशियों के गोबर, गन्ने की प्रेस मिट्टी व पथमेड़ा में स्थित प्लांट में गोमाता के शुद्ध गोबर से यह गैस बनेगी।

श्री गोधाम महातीर्थ आनन्दवन पथमेड़ा

सीबीजी उत्पादन की प्रक्रिया: बायोमास से सीबीजी बनाने में दो-आयामी दृष्टिकोण शामिल है।

पहला चरण: बायोगैस का उत्पादन बायोमास के अवायवीय अपघटन के माध्यम से किया जाता है।अवायवीय प्रक्रिया: इस प्रक्रिया में, सूक्ष्मजीव ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में बायोडिग्रेडेबल सामग्री को तोड़ते हैं। इस प्रक्रिया का उपयोग औद्योगिक या घरेलू उद्देश्यों के लिए अपशिष्ट प्रबंधन या ईंधन उत्पादन के लिए किया जाता है।

अवायवीय प्रक्रिया: इस प्रक्रिया में, सूक्ष्मजीव ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में बायोडिग्रेडेबल सामग्री को तोड़ते हैं। इस प्रक्रिया का उपयोग औद्योगिक या घरेलू उद्देश्यों के लिए अपशिष्ट प्रबंधन या ईंधन उत्पादन के लिए किया जाता है।

दूसरा चरण : बायोगैस में 55 से 60% मीथेन, 40 से 45% कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और हाइड्रोजन सल्फाइड की थोड़ी मात्रा होती है। दूसरी प्रक्रिया में CBG तैयार करने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड गैसों को हटाने के लिए गैस को शुद्ध करना शामिल है।

पथमेड़ा में एचपीसीएल का प्लांट बनाकर हुआ तैयार

सीबीजी को देश भर में बढ़ावा देने के लिए सरकार भी पहल कर रहीं हैं इस से बहुत ही कम खर्चे में आप परिवहन कर सकते है।

पुखराज बिश्नोई

पुखराज पिछले 8 सालों से पत्रकारिता में सक्रिय है. इन्होने प्रतिष्ठित अखबार दैनिक भास्कर से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की. अब तक टाइम्स नाऊ, सच बेधड़क समेत कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में सेवा दे चुके है. फिलहाल मीडिया हाउस सांचौर में संपादक के पद पर कार्यरत है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
भाई मत कर कॉपी..बहुत मेहनत लगती है लिखने में!