forest Department : सांचोर क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में पैंथर के मूवमेंट से लोगों में दहशत का माहौल है। इधर पैंथर के मूवमेंट को देखने के लिए खेतों में ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई, पैंथर के आने की सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जोधपुर वन विभाग रेस्क्यू टीम को सूचना दी गई। जिस पर जोधपुर से रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और टीम ने पैंथर को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया लेकिन खेतों में सरसों की बड़ी फैसले होने के कारण रेस्क्यू नहीं हो पाया।

रानीवाड़ा क्षेत्रीय वन अधिकारी मनोहर खान ने बताया कि 2 दिन पूर्व गुजरात क्षेत्र से सांचौर ग्रामीण इलाकों में पैंथर के प्रवेश करने की जानकारी मिल रही है। ग्रामीण इलाकों में पैंथर के दिखने के बाद लोगों ने सूचना दी। उसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तब से पैंथर का पीछा करते हुए पगमार्क के आधार पर उसे पकड़ने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।

गुजरात से होते हुए पैंथर ने सांचोर में किया प्रवेश : गुजरात से होते हुए पैंथर ने सांचौर क्षेत्र के पलादर गांव के बाद बड़सम, हाड़ेतर और किलुपिया गांव की सरहद तक प्रवेश किया है। अंतिम बार किलुपिया गांव में पैंथर के दिखने के बाद वन विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किए गए, लेकिन दिनभर के ऑपरेशन के बावजूद वन विभाग को सफलता नहीं मिल पाई।

वन विभाग की टीमें जोधपुर से यहां पहुंची हैं और पैंथर को सुरक्षित रूप से पकड़ने के लिए पूरे प्रयास कर रही हैं। किलुपिया गांव के सरसों के खेत में दिनभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा, लेकिन पैंथर लोगों की भीड़ ज्यादा होने के कारण और फसलों के कारण पकड़ में नहीं आ पाया। वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की है और कहा कि पैंथर के दिखने पर तुरंत वन विभाग की टीम और स्थानीय प्रशासन को सूचित करें। क्षेत्रीय वन अधिकारी ने बताया कि पैंथर को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को कल सुबह फिर से शुरू किया जाएगा, ताकि पैंथर को पकड़कर क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। वन विभाग की रेस्क्यू टीमें पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने के लिए हरसंभव प्रयास प्रयास किया जा रहा है।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पूरी रात क्षेत्र में टीम तैनात रही सुबह तक किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना या पैंथर द्वारा किसी प्रकार मूवमेंट नहीं देखा गया तो संभवत फिर शाम को जिस खेत में छुपा था वही होने की संभावना है थोड़ी देर बाद फिर से रेस्क्यू शुरू किया जाएगा।

शांत प्रवृत्ति का है पैंथर : वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सांचौर क्षेत्र में 16 जनवरी को इसके पहली बार पद चिन्ह देखे गए थे उसके बाद से लगातार सांचौर सांचौर क्षेत्र में इसकी मूवमेंट या पग मार्क देखे जा रहे थे। एक बार उनके पद चिन्ह गुजरात की ओर निकल जाने के भी देखे गए। लेकिन दो दिन बाद वापस सांचौर क्षेत्र में यह देखा गया और अभी तक किसी भी प्रकार की पैंथर द्वारा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। विश्व की सबसे बड़ी गौशाला पथमेड़ा के आसपास भी इसका मूवमेंट रहा लेकिन किसी भी प्रकार का कोई नुकसान किसी जानवर या व्यक्ति को अभी तक नहीं पहुंचाया गया है।
