नर्मदा वृहद पेयजल परियोजना की मुख्य पाइप लाइनों से अवैध जल चोरी कर व्यापार करने वालों के खिलाफ जालौर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। अधिशाषी अभियंता धर्मचंद सोनी के नेतृत्व में विभागीय टीम ने ग्राम रतनपुरा और धुम्बड़िया में कई अवैध जल कनेक्शन हटाए और संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

रतनपुरा गांव में कुल 8 और धुम्बड़िया में 4 अवैध कनेक्शन हटाए गए। कार्रवाई सहायक अभियंता दिगंबर सिंह और जितेन्द्र कुमार की निगरानी में संपन्न हुई। यह कार्रवाई नर्मदा एफ.आर. पेयजल परियोजना की पाइप लाइनों से अवैध रूप से टैंकरों द्वारा जल चोरी कर बेचने की शिकायतों के बाद की गई।
अधीक्षण अभियंता लिघुराम चौधरी के अनुसार, इस अभियान को और विस्तार देते हुए तीन अन्य टीमें गठित की गई हैं। इनका नेतृत्व अधिशाषी अभियंता भूर सिंह मीणा (सांचौर खंड प्रथम), गिरीश जैन (सांचौर खंड द्वितीय), और बलवीर सैनी (भीनमाल खंड) कर रहे हैं। ये टीमें भी क्षेत्र में अवैध जल कनेक्शनों और अवैध जल व्यापार करने वालों पर कार्रवाई करेंगी।

विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों ने विभागीय पाइप लाइनों से अवैध कनेक्शन जोड़े हैं, उनके विरुद्ध विभागीय दर पर पेनल्टी वसूली की जाएगी। साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 3 PDP के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। इसमें राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, पानी का प्रवाह बाधित करना, आमजन को पेयजल से वंचित करना और जल चोरी कर व्यापार करना जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
विभाग की टीमें पिछले तीन दिनों से दिन-रात इलाके की रेकी कर सूचनाएं एकत्र कर रही थीं। विभाग द्वारा इस प्रकार के कृत्य करने वालों की गुप्त सूची भी तैयार की जा रही है। विभाग ने आमजन से अपील की है कि जो भी व्यक्ति अवैध जल कनेक्शन या जल व्यापार में लिप्त हैं, वे स्वयं ही अपने कनेक्शन बंद कर लें। यदि किसी को अवैध कनेक्शन के संबंध में जानकारी है, तो विभाग को सूचित करें। पकड़े जाने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा और भारी पेनल्टी लगाई जाएगी।
विभाग ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में यह अभियान और तेज किया जाएगा ताकि आमजन तक स्वच्छ और पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।