जालौर जिले के दो युवाओ ने सिविल सर्विसेज में अंतिम रूप से चयनित होकर जिले व समाज का नाम किया रोशन, बिश्नोई और चौधरी समाज के होनहारों ने पाई IAS में सफलता, जालौर बना गर्व का प्रतीक।
Upsc exam result : UPSC ने सिविल सर्विस एग्जाम 2024 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। पहली बार जालौर जिले की दो प्रतिभाओं ने जालौर जिले का व अपने अपने गांव व समाज का नाम रोशन किया है।

जालौर जिले के सांचौर (हेमागुड़ा) निवासी दिनेश बेनीवाल (पुत्र हापुरामजी बेनीवाल, बिश्नोई) ने 265वीं रैंक प्राप्त कर IAS चयन सूची में स्थान बनाया है। वहीं, धुंबड़िया (भीनमाल) निवासी डॉ. जितेन्द्र चौधरी (MBBS), पुत्र श्री भीमारामजी चौधरी ने 361वीं रैंक हासिल करते हुए सफलता का परचम लहराया है।

नव चयनित दिनेश बिश्नोई के सफलता की कहानी: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा 2024 में राजस्थान के सांचौर क्षेत्र के हेमागुड़ा गांव के दिनेश बिश्नोई ने 265वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह सफलता उन्हें उनके चौथे प्रयास में प्राप्त हुई है, जिससे न सिर्फ उनके गांव बल्कि दिल्ली, मुंबई और पूरे भारतवर्ष में उनके शुभचिंतक गर्व महसूस कर रहे हैं।

दिनेश बिश्नोई की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, समेलानियों की ढाणी गुड़ाहेमा से हुई। इसके बाद उन्होंने मुंबई के एक राजकीय विद्यालय से सीनियर सेकेंडरी शिक्षा पूरी की और फिर राजकीय खालसा कॉलेज, मुंबई से बीएससी आईटी में स्नातक किया, जिसमें वे लगातार तीन वर्षों तक टॉपर रहे।

उनके पिता हापूराम बिश्नोई मुंबई में व्यवसायी हैं और माता गृहिणी हैं। दिनेश को उनके चाचा गणपतलाल बेनीवाल (नर्सिंग ऑफिसर) से प्रेरणा, सलाह और आशीर्वाद मिला, जिसके चलते वे 2019 में यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए।

उन्होंने पहली बार 2020 में प्रारंभिक परीक्षा दी, 2021 में मुख्य परीक्षा भी उत्तीर्ण की, जबकि 2022 में 722वीं रैंक प्राप्त की। लेकिन अपने अंतिम लक्ष्य IAS को ध्यान में रखते हुए उन्होंने वह पद स्वीकार नहीं किया और 2023 में परीक्षा नहीं देकर पूर्ण समर्पण के साथ तैयारी में जुटे रहे। इस निरंतर मेहनत का परिणाम 2024 में मिला, जब उन्होंने 265वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की। उन्होंने कहा, “यदि इंसान पूरे मन से परिश्रम करे, तो सफलता अवश्य मिलती है।”

डॉ. जितेन्द्र चौधरी की सफतला की कहानी: डॉ कृष्ण कुमार चौधरी सिम्स हॉस्पिटल सांचौर के छोटे भाई डॉ जितेन्द्र चौधरी जालौर जिले के छोटे से गांव धुम्बड़िया से निकलकर UPSC जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में 361वीं रैंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी ने यह सिद्ध कर दिया कि कठिन परिश्रम, निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी लक्ष्य दूर नहीं है।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आठवीं कक्षा तक राजकीय विद्यालय, धुम्बड़िया से प्राप्त की। इसके बाद नवोदय विद्यालय जसवंतपुरा से 9वीं और 10वीं कक्षा उत्तीर्ण की। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई कोटा में की, जहां उन्होंने 12वीं के साथ ही 2012 में PMT (मेडिकल प्रवेश परीक्षा) में भी चयन प्राप्त किया।

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 2018 में मेडिकल की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की। वर्ष 2019 में उन्होंने पहली बार UPSC परीक्षा दी, परंतु प्रारंभिक परीक्षा में सफलता नहीं मिली। दूसरी बार 2020 में उन्होंने प्री परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य परीक्षा में सफलता नहीं मिली। इसी वर्ष उनका चयन मेडिकल ऑफिसर के पद पर हुआ और उन्होंने बाड़मेर जिले के में पीएचसी में कार्यभार संभाला। साथ ही, UPSC की तैयारी जारी रखी।

वर्ष 2021 में उन्होंने प्री और मुख्य परीक्षा दोनों पास की, लेकिन इंटरव्यू में सफलता नहीं मिल सकी, वर्ष 2022 में वे प्रारंभिक परीक्षा में सफल नहीं हो पाए। पांचवे प्रयास में उन्होंने प्री और मुख्य परीक्षा दोनों में सफलता प्राप्त की, लेकिन एक बार फिर इंटरव्यू में चयन नहीं हो सका। अंततः छठे प्रयास में उन्होंने UPSC परीक्षा में 361वीं रैंक हासिल कर अपने लंबे संघर्ष और दृढ़ निश्चय को सफलता में बदल दिया।

जालौर के लिए गर्व की बात : इन दोनों युवाओं की सफलता पर समस्त क्षेत्रवासियों, समाजजनों एवं शिक्षा जगत में हर्ष की लहर है। इन्होंने न केवल अपने परिवार और समाज का नाम रोशन किया है, बल्कि सम्पूर्ण जालोर जिले को गौरवान्वित किया है।
यह उपलब्धि आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रशासनिक सेवा जैसे प्रतिष्ठित पदों पर चयनित होकर इन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि कठिन परिश्रम, समर्पण और आत्मविश्वास से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।