“जाको राखे साइयाँ, मारि न सक्कै कोय” यह वाक्या आज हुआ चरितार्थ।
Wildlife Act. सांचोर में आज एक दुःख भरा वीडियो सामने आया, जिसमें एक जेसीबी चालक के द्वारा 6 जिंदा पिल्लों (कुत्ते के बच्चे) पर रेत डालकर दफनाया जा रहा था, ऐसा नहीं कि वहां पर मौजूद लोगों ने उसे मना नहीं किया। उनके मना करने के बावजुद जेसीबी चालक ने रेत डालकर 6 जिंदा पिल्लों को दफना दिया। लेकिन जीव प्रेमियों व शहर वासियों द्वारा नगर परिषद एवं प्रशासन पर दबाव बनाने के बाद करीब 22 घण्टों के बाद प्रशासन की मौजूदगी में उन पिल्लों को जिंदा निकाल कर बचा लिया गया।

22 घण्टे तक रेत में दबे रहे 6 पिल्ले : शहर की हवाई पट्टी पर इन पिल्लों को हर रोज सुखराम खोखर दूध पिलाते हैं, लेकिन आज जब यह उस जगह पहुंचे और आसपास पता किया तो पता लगा कि जेसीबी के द्वारा इस गड्ढे को रेत से भर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने प्रशासन और जीवप्रेमियो को मौके पर बुलाया और गड्ढे को वापस खुदवाने की मांग की। जिसके बाद में सहायक पुलिस अधीक्षक काम्बले शरण गोपीनाथ और तहसीलदार सहित अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद में गड्ढे की खुदाई की गई तो 6 के 6 पिल्ले जिंदा निकले। जैसे ही पिल्लों को जिंदा तो सुखराम खोखर के आंखों में आंसू आ गए ओर वे रो पड़े।

जानकारी के अनुसार घटना सोमवार को शाम करीब 5 बजे के आसपास की है, जिसका वीडियो मंगलवार को वायरल हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि सांचोर के अम्बेडकर छात्रावास के पास नगर परिषद के द्वारा एक गड्ढे को खोदा हुआ था। जिसमें एक कुतिया ने 6 पिल्लों को जन्म दिया था। उन पिल्लों की आंख भी नहीं खुली थी, उससे पहले ही उन्हें निर्दयी तरीके से 7 फिट के गड्ढे में दफना दिया गया। पिल्लों को दफनाने के बाद उनकी माँ(कुतिया) पूरी रात उस गड्ढे के पास बैठी रही।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इन कुत्तों की देखभाल की जा रही थी, उन्हें सुरक्षित रखा गया था। लेकिन जेसीबी चालक ने लापरवाही से उनकी हत्या कर दी। ऐसे में जीवप्रेमी आक्रोशित हैं, और उन पर हत्या का मामला दर्ज किया जाने की मांग की जा रही हैं।
