•रियासत कालीन से चली आ रही है परंपरा डावल गांव में आज भी जीवंत, हज़ारों की संख्या में एकत्रित होते हैं ग्रामवासी
•डावल गांव में ऊंट घोड़ों ने लगाई दौड़ तो ठहर गई थी लोगों की सांसे
सांचौर.जिले के निकटवर्ती डावल गांव में रियासत काल से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए शुक्रवार को डावल के खेल मैदान में ऊंट व घुड-दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें राजस्थान में गुजरात के पशुपालक अपने ऊंट व घोड़े लेकर पहुंचें तथा ऊंट व घुड़ दोड़ प्रतियोगिता में भाग लिया तथा विभिन्न प्रकार के करतब दिखाए तथा ऊंट व घोड़े को डीजे पर नृत्य प्रस्तुत करवाया गया। इस प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय स्थान हासिल करने वालों को भामाशाह गो भगत सेठ रमेश कुमार जैन मलेशिया वालों की ओर से भव्य इनाम सोने की चैन व नकद राशि देकर पुरस्कृत किया गया तथा उक्त प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी पशुपालकों को भी इनाम दिया।

हजारों की संख्या में जुटे क्षेत्रवासी दीपोत्सव की दी एक दूसरे को शुभकामनाएं
डावल क्षेत्र के आसपास सहित सांचौर जिले के विभिन्न गांव से बड़ी संख्या में आम जन पहुंच कर दीपावली के पावन पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित कर सदभावना पूर्वक एक दूसरे से गले मिलकर शुभकामनाएं देते नजर आएं।

बड़ी संख्या में महिलाएं भी प्रतियोगिता का लुफ्त उठाती नजर आई
क्षेत्र के डावल गांव में रियासत काल से चली आ रही परंपरा को कायम रखने में महिलाएं भी अपनी सहभागिता निभाती नजर आई। बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचकर उक्त प्रतियोगिता को देखने आई।

पशुपालकों के इशारों पर नाचते नजर आये ऊंट व घोड़े
आपको देखकर हेरानी हुई कि पशुपालकों के इशारों पर अलग-अलग प्रकार से ऊंट व घोड़े नृत्य करते हुए तथा करतब करते हुए नजर आएं जो इस प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण रहे।

स्नेह मिलन समारोह में प्रतिष्ठित लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे प्रतियोगिता का लुफ्त उठाते हैं नजर आएं
सांचौर जिले में सबसे बड़ी प्रतियोगिता डावल के खेल मैदान में आयोजित होती आ रही है जिसमें सभी जाति धर्म के लोग बड़ी संख्या में शिरकत करने पहुचे। उनके साथ-साथ सांचौर जिले सहित प्रदेश भर के प्रतिष्ठित लोग उक्त स्नेह मिलन समारोह में बड़ी संख्या में पहुंचे तथा पशुपालकों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें पुरस्कार भी दिया गया।

प्रतियोगिता आयोजित करने में गांव के लोगों की अहम भूमिका
उक्त प्रतियोगिता को आयोजित करने करने में स्थानीय ग्रामवासी अपनी ओर से साउंड, जनरेटर, जलपान, टेंट और बैठने की व्यवस्था पुरस्कार सहित विभिन्न व्यवस्थाओं में बढ़ चढ़कर सहयोग किया।

ईनाम में सोने की चैन रही चर्चा में, हर जुबा पर भामाशाह की वाहवाही
उक्त प्रतियोगिता में भामाशाह गोभक्त सेठ रमेश जैन मलेशिया वालो की ओर से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले ऊट सवार व घुड़ सवार को एक एक सोने की चैन प्रदान की। जिससे पशुपालकों के चेहरे पर खुशी नजर आई। जिसकी समस्त ग्रामवासियों ने भामाशाह रमेश जैन साहब की प्रशंसा कर आभार प्रकट कर ग्रामवासियों की ओर से साफा बँधवाकर बहुमान किया गया।
