•मुख्य सरगना भूपेन्द्र सारण का भाई गोपाल पुणे से गिरफ्तार
•RPA में ट्रेनिंग ले रहे 6 SI को पेपर पढ़वाने वाला बर्खास्त थानेदार गिरफ्तार
•गिरफ्तार गोपाल सारण सांचौर जिले के चितलवाना उपखंड के परावा का निवासी है
जयपुर.SI 2021 पेपर लीक के मास्टर माइंड भूपेन्द्र सारण के छोटे भाई बर्खास्त सीआई गोपाल सारण को भी एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया हैं।
एसओजी गोपाल सारण को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार कर के जयपुर लाई हैं। एसओजी को लंबे समय से तलाश थी गोपाल सारण की लेकिन आखिर में एसओजी द्वारा पकड़ा गया। एसओजी के पास कई पुराने रिकॉर्ड हैं जिन के आधार पर सारण से पूछताछ की जाएगी। एसओजी ने गोपाल सारण को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया हैं।
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि SI भर्ती परीक्षा 2021 में अभ्यर्थियों को पेपर दे कर नकल कराने के मामले में गोपाल सारण के खिलाफ भी एफआईआर थी। उस दौरान एफआईआर होने के बाद गोपाल सारण ने राजस्थान छोड़ देश के अन्य राज्यों में फरारी काट रहा था
एसओजी के एडीजी ने बताया कि गोपाल सारण को लेकर कई इनपुट मिलना शुरु हुआ तब हमने जाल बिछाना शुरु किया। फिर गोपाल सारण की जानकारी एसओजी को मिली की वह महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्क्रेप का काम कर रहा हैं। जिस पर एसओजी की टीमें एक्टिव हुई और सारण की लोकेशन के आधार पर टीमों ने दबिश दी। जिसके बाद गोपाल सारण को पुणे से गिरफ्तार कर जयपुर लाया गया। जहां पर उसे कोर्ट के सामने पेश कर रिमांड पर लिया गया हैं। गोपाल सारण नकल माफिया भूपेन्द्र सारण सांचौर का छोटा भाई है वह कई परीक्षों में पेपर लीक करवा चुका हैं।
कौन है पेपर लीक सरगना भूपेंद्र सारण
वर्ष 2011 में भूपेन्द्र सारण ने जीएनएम भर्ती पेपर लीक मामले और वर्ष 2022 में पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले अहम भूमिका निभाई। एसओजी ने इसे बंगलूरू एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था।
कौन है बर्खास्त थानेदार गोपाल सारण
पेपर लीक मामले में गिरफ्तार होकर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद भूपेन्द्र सारण का भाई है। वर्ष 2011 में एसआई भर्ती पेपर में पास हुआ और 2014 में एसआई के तौर पर राजस्थान पुलिस बेड़े में शामिल हुआ। वर्ष 2020 में पाली के बगड़ी थाने का थानाप्रभारी था। उस समय क्रूड ऑयल चोरी का मामला हुआ जिसमें गोपाल को बर्खास्त कर दिया गया।
एसआई 2021 पेपर लीक में कार्रवाई
एसआई पेपर लीक मामले में अभी तक एसओजी की टीमें 40 से ज्यादा एसआई को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी हैं जबकि 34 अपराधी ऐसे हैं, जिन्होंने एसआई पेपर लीक करवाने, पेपर पढ़वाने में सहयोग किया था। इस तरह 76 जने गिरफ्तार हो चुके हैं। एसओजी की कार्रवाई के बाद आरपीए में ट्रेनिंग ले रहे छह एसआई अभी अनुपस्थित चल रहे हैं। जिनकी तलाश जारी है